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मेरी खामोशी सवाल पूछेगी | Love shayari

मेरी खामोशी सवाल पूछेगी पछेगी कहां गए वो प्यार के हसीन लम्हे हिसाब पूछेगी शायद तुम्हारे पास कोई जवाब नहीं होगा निगाहें तन्हाई भरे मंजर में खुशियों का मुकाम ढूंढेंगी  दिल की गलियारों में कोई तूफान नहीं है टूटे हैं हर ख्वाब कोई अरमान नहीं है जिसे बेहद अपना समझा वो गद्दार निकल गए किसी से कुछ पाने की अब मेरे चेहरे पर मुस्कान नहीं है मैं खुशियों की तलाश में रह गया एक बेवफा के प्यार में रह गया अपने दिल के जख्म दिखाऊं किसी से तो तौहीन होती है आजकल मुझे यकीन होता नहीं है इतना दर्द कैसे सह गया