Shayari Sangrah
तुम्हारी खूबसूरत अदाओं ने दिल का करार लूट है जब से करीब रहने लगी हो जिंदगी की हर खुशी मिलने लगी है रूह हर पल हर घड़ी हमसफर बनाने का इंतजार करने लगी है
हर रोज थोड़ा-थोड़ा प्यार बढ़ रहा है एक दूजे के करीब होने की बेकरारी हद पार कर चुकी है अब हर धड़कन कहने लगी है अकेले रहना पड़ा तो बेजान हो जाऊंगा
तुम्हारी बातों पर यकीन आने लगा है मुझ पर इश्क का खुमार छाने लगा है ख्वाहिशों के इजहार को बेकरार रहने लगा हूं ऐसा लगने लगा है बेहद बेशुमार प्यार करने लगा हूं