सवाल शायरी-Sawal shayari
उलझता रहा हकीकत का पहचान करने में हर उत्तर के बाद एक नया सवाल पैदा होता रहा
मेरे सवाल का इतना अच्छा जवाब आया है सोचा न था किसी के लिए अपनी खुशियों को कुर्बान कर दे ऐसा हमदर्द देखा न था
अपनी चाहतों का इजहार करने में जितने भी सवाल पूछे हैं उसका सही जवाब चाहता हूं आपके चेहरे पर मुस्कान चाहता हूं
सवाल उठाने लगे हैं हम दोनों के बीच में क्या चल रहा है तुम छुपाने की बात करती हो लोग हिसाब लगाने लगे हैं