वह बेवफा ख्वाबों में आकर सताने लगी है आजकल नींदों में रुलाने लगी है हर वक्त वफा करता रहा एक बेकसूर की आह निकलने लगी है
दिल की गहराई में उतरकर देखो हर हकीकत से रूबरू हो जाओगी हद से ज्यादा चाहने लगोगी मेरे प्यार में उम्र भर के लिए खो जाओगी
Hindi shayari Sangrah हिंदी शायरी संग्रह shayari Masti शायरी मस्ती shayari in Hindi शायरी मनोरंजन shayari Manoranjan शायर मनोज कुमार shayar Manoj kumar
वह बेवफा ख्वाबों में आकर सताने लगी है आजकल नींदों में रुलाने लगी है हर वक्त वफा करता रहा एक बेकसूर की आह निकलने लगी है
दिल की गहराई में उतरकर देखो हर हकीकत से रूबरू हो जाओगी हद से ज्यादा चाहने लगोगी मेरे प्यार में उम्र भर के लिए खो जाओगी