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हिंदी शायरी मस्ती मनोरंजन

HINDI SHAYARI MASTI MANORANJAN

चेहरे पर साफ झलक रहा है उन्हें भी प्यार हो गया है मेरे मन की ख्वाहिशों का आंखों से इज़हार हो गया है अपनी किस्मत में खुशियों का बहार आ गया है

पक्का इरादा कर लिया है मोहब्बत की दहलीज से कदम नहीं हटाएंगे वादा किया है साथ निभाएंगे अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हटेंगे हर मुश्किल तोड़ जाएंगे

मन की ख्वाहिशों से रूबरू हो गए हैं एक दूसरे के करीब होने के जुगाड़ शुरू हो गए हैं धीरे-धीरे तमन्ना पूरी हो जाएगी चाहतों की कशिश पूरी हो जाएगी

खुशनसीब हूं तुमसे प्यार करने का मौका मिला है वरना जहां ख्वाहिशों की दहलीज पर कदम रखा हूं तीखा जवाब मिला है

अंजुमन में एहसासों का चमत्कार हो गया है जिंदगी में खुशियों का उत्साह हो गया है कशमकश से निकलना मुश्किल लग रहा है इस तरह प्यार हो गया है

Hindi shayari
Hindi shayari

मोहब्बत की आहट मिलने लगी है दिल को राहत मिलने लगी है जिंदगी में उम्मीदों का फूल खिल गया है क्योंकि मेरी चाहतों को समझने लगी है

सच्ची मोहब्बत का भ्रम हो गया था उसके साजिशों का असर हो गया था दिल को समझाने की कोशिश करता रहा मन सही चुनाव करने में विफल हो गया था

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मेरी खामोशी सवाल पूछेगी | Love shayari

मेरी खामोशी सवाल पूछेगी पछेगी कहां गए वो प्यार के हसीन लम्हे हिसाब पूछेगी शायद तुम्हारे पास कोई जवाब नहीं होगा निगाहें तन्हाई भरे मंजर में खुशियों का मुकाम ढूंढेंगी  दिल की गलियारों में कोई तूफान नहीं है टूटे हैं हर ख्वाब कोई अरमान नहीं है जिसे बेहद अपना समझा वो गद्दार निकल गए किसी से कुछ पाने की अब मेरे चेहरे पर मुस्कान नहीं है मैं खुशियों की तलाश में रह गया एक बेवफा के प्यार में रह गया अपने दिल के जख्म दिखाऊं किसी से तो तौहीन होती है आजकल मुझे यकीन होता नहीं है इतना दर्द कैसे सह गया

शायरी इन हिंदी

Love shayari in Hindi | Hindi shayari | shayari Sangrah  उसकी ख्वाबों खयालों में डूबा रहता हूं अकेले में बात करने की आदत हो गई है अब इसमें कोई शक नहीं रह गया है कि मुझे मोहब्बत हो गई है जो इतना बेहद बेशुमार चाहोगी मैं बहक जाऊंगा खुद से कंट्रोल हट जाएगा और मैं रास्ता भटक जाऊंगा बातों बातों में मन का करार लूट लेती हो मुझे अपना बनाने का भरपूर छूट देती हो धीरे धीरे नजदिकियां बढ़ने लगी है हर ख्वाब हकीकत में बदलने लगे हैं उसकी हर अदा में अपनापन नजर आने लगा है मुझ पर मोहब्बत का खुमार छाने लगा है अब अकेले गुजारा हो नहीं सकता आजकल हर मंजर से ऐसा एहसास आने लगा है